Update : इटारसी में 200 एमएम बारिश, कई बस्तियां जलमग्न

– कलेक्टर पहुंचे निरीक्षण करने, राहत एवं बचाव का कार्य जारी
– तवा बांध का जलस्तर बढऩे से दस गेट खोलकर पानी छोड़ा
– मेहरागांव नदी खतरे के निशान पर, हाईटगेज 90 फीसद डूबा
इटारसी। रातभर में हुई मूसलाधार बारिश से शहर की आधा दर्जन से अधिक बस्तियां पानी में डूब गयीं। इटारसी (Itarsi) में 200 मिमी वर्षा दर्ज की गई है, जो जिले में सर्वाधिक है। सभी रेलवे पुल (Railway Bridge) और पुलियाओं पर पुलिस (Police), आरपीएफ (RPF), रेलवे कर्मचारियों (Railway Employees) की ड्यूटी (Duty) लगायी गयी है। बाढ़ वाले इलाकों में पुलिस बल तैनात किया गया है।
सुबह से एसडीएम (SDM) और सीएमओ (CMO) के नेतृत्व में नगर पालिका का अमला राहत एवं बचाव कार्य में जुटा था। टीआई (TI) के नेतृत्व में पुलिस टीम ने भी मोर्चा संभाल रखा है। सुबह साढ़े 9 बजे होशंगाबाद (Hoshangabad) से बाढ़ राहत दल (Flood Relief Team) नाव के साथ पहुंचा और नदी मोहल्ला मालवीयगंज (Nadi Mohalla Malviyaganj) में राहत एवं बचाव कार्य में शामिल हुआ। मोटर वोट (Motor Vote) के जरिये, घरों में और घरों की छतों पर फंसे लोगों को बाहर निकालकर बाढ़ राहत शिविरों में पहुंचाया गया।

नदी खतरे के निशान पर

मेहरागांव (Mehragaon) से निकलने वाली पहाड़ी नदी उफान पर है, यह रेलवे पुल पर खतरे के निशान से ऊपर से होकर गुजर रही है। रेलवे पुलिया के ऊपरी छोर को लगभग छूकर पानी निकल रहा है। मेहरागांव नदी में नयायार्ड रोड (Newyard Road) पर ग्वालबाबा मंदिर (Gwalbaba Temple) के पीछे बनाया हाईटगेज (Highgauge) लगभग 90 फीसद पानी में डूबा है। नदी का बहाव बहुत तेज है। शहर के सभी जलभराव क्षेत्र और नदी-नालों के पास बड़ी संख्या में लो बाढ़ देखने पहुंच रहे हैं, पुलिस को उनको बाढ़ के पास से हटाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। मेहरागांव के पास रेलवे ब्रिज (Railway Bridge) के ऊपर सैंकड़ों की संख्या में लोग बाढ़ देखने पहुंच रहे हैं।

नदी मोहल्ला में सर्वाधिक बाढ़

मालवीयगंज में नदी मोहल्ला पूरी तरह से बाढ़ में डूब गया है। यहां बाढ़ राहत एवं बचाव दल नाव से रेस्क्यू (Rescue) कर रहा है। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह (Collector Neeraj Kumar Singh) सहित सभी प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य में जुटे हैं। स्वयं एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी ने छाती तक तेज बहाव वाले पानी में घुसकर राहत कार्यों में हिस्सा लिया। एक जगह तो तेज बहाव में उनका संतुलन भी बिगड़ गया था, हालांकि दो अन्य युवा साथ में थे, उन्होंने एसडीएम को सहारा देकर संभाल लिया। नपा का अमला सीएमओ हेमेश्वरी पटले के मार्गदर्शन एवं स्वच्छता निरीक्षक आरके तिवारी के नेतृत्व में बचाव कार्य में जुटा रहा।

ये क्षेत्र भी डूब में आये

बंगलिया, अवाम नगर, नाला मोहल्ला, मेहरागांव, पुरानी इटारसी का गोंडी मोहल्ला, साईंनाथ बेकरी क्षेत्र, शांतिधाम श्मशानघाट में बाढ़ का पानी कई घंटे भरा रहा है। अधिकारियों ने निचली बस्तियों का दौरा करके पानी निकासी के इंतजाम करने के निर्देश नगर पालिका की टीम को दिये हैं। नेशनल हाईवे (National Highway) पर श्मशानघाट के सामने स्थित सांकलिया पुल के ऊपर से भी पानी निकल रहा था। नई गरीबी लाइन, जहां कभी पानी नहीं पहुंचता था, इस बार वहां भी रोड और मैदानों में बड़ी मात्रा में जलभराव की स्थिति बनी तथा कुछ लोगों के घरों में बाढ़ का पानी घुसा जिससे उनके घरों में रखा काफी सामान भीग गया है।

प्रशासन उतर गया राहत के लिए

कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी, एसडीओपी (SDOP) महेन्द्र सिंह चौहान, मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्रीमती हेमेश्वरी पटले, तहसीलदार राजीव कहार, स्वच्छता निरीक्षक आरके तिवारी सहित प्रशासनिक अमला निचली बस्तियों में राहत एवं बचाव कार्यों में जुटा है। सबसे अधिक खराब स्थिति नदी मोहल्ला मालवीयगंज की है, यहां से करीब सौ लोगों को उनके घरों से निकालकर मेकलसुता आईटीआई में बनाये राहत शिविर में भेजा गया है। बनाये गये राहत शिविरों में नगर पालिका प्रशासन की ओर से सभी बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए रहने और खाने-पीने के इंतजाम किये जा रहे हैं।

तवा के 10 गेट खोलकर पानी छोड़ा

भारी बारिश के बाद आज सुबह 5:30 बजे तवा बांध (Tawa Dam) के सात गेट (Gate) खोल दिये गये थे। पहाड़ों से आने वाली नदी के कारण शहर में भी बाढ़ के हालात बन गये हैं। तवा बांध सुबह 5:30 बजे से सात गेट खोलकर 55510 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था जो सुबह 11 गेट दस फीट करके मात्रा बढ़ाई गयी है। पिछले तीन दिनों से माना जा रहा था कि तवा बांध के गेट खोले जाएंगे, दरअसल पहाड़ों पर हो रही बारिश और तवा में आने वाले पानी को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा था। रात में हुई भारी बारिश के बाद आखिरकार तवा बांध के गेटों को सुबह साढ़े पांच बजे खोलने का निर्णय लिया था।

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