इटारसी के नाम के उत्पत्ति ईंट और रस्सी शब्द के संयोग से हुई है। इसका कारण यहां प्राचीन काल में ईंट और रस्सी के उद्योगों की बहुतायत होना है। व्यावसायिक दृष्टि से, एक बड़ी कृषि मंडी, आयुध निर्माणी, एवं रेलवे के कारखाने हैं। बोरी अभयारण और तवा बांध, शरददेव, तिलकसिंदूर, तवा रिसॉर्ट निकट के कुछ दर्शन-योग स्थान हैं। इटारसी की बसाहट 18 वी शताब्दी के आसपास की मानी जाती है। ऐसा अनुमान है कि 1750 के आसपास इटारसी में लोगों के आने का सिलसिला प्रारंभ हुआ है। इसके पूर्व यहां घना जंगल ही था।
नाम – श्री पंकज पिता श्री रामशंकर चौरे
शिक्षा – एमए (अर्थशास्त्र), एलएलबी
निवासी – वार्ड क्रं 20, मालवीय गंज, इटारसी
राजनीतिक पृष्ठभूमि वर्ष, 2007 में कार्यवाहक नपाध्यक्ष, आरएसएस के स्वयं सेवक, अभाविप एवं युवा मोर्चा में रहे, 2005 मे पहली बार पार्षद चुने गये, भाजपा के सक्रिय सदस्य, अन्य दायित्व अध्यक्ष हिन्दू महोत्सव समिति, कुर्मी समाज जिला उपाध्यक्ष, बस्ती संयोजक राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र निधि महासमर्पण अभियान।